परतापुर चौराहे का नाम क्रांति नायक धन सिंह कोतवाल चौक रखा जाए : विजयपाल सिंह
बागपत। विपुल जैन
1857 की क्रांति के नायक धनसिंह कोतवाल शोध संस्थान के तत्वावधान में यहां चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय के अप्लाइड साइंस ऑडिटोरियम सभागार में एक संगोष्ठी कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिसमें 1857 की क्रांति के नायक धनसिंह कोतवाल सहित उन सभी क्रांतिकारियों को याद किया गया, जिन्होंने उस समय मां भारती के गुलामी के बंधनों को काटने के लिए अपने शौर्य और साहस का प्रदर्शन करते हुए अपना बलिदान किया था। इस अवसर पर मेरठ गाजियाबाद एक्सप्रेस वे का नाम धन सिंह कोतवाल के नाम पर रखने तथा दिल्ली मेरठ एक्सप्रेसवे की परतापुर इंटरचेंज पर बनने वाले चौराहे का नाम क्रांति नायक धन सिंह कोतवाल चौक रखकर वहां एक बड़ा क्रांति द्वार बनाने की मांग एक बार फिर से उठाई गई।
इस अवसर पर कार्यक्रम के अध्यक्ष राज्यसभा के यशस्वी ऊर्जावान सांसद श्री विजय पाल सिंह तोमर ने कहा कि धनसिंह कोतवाल हम सब के गौरव हैं। उनके कारण ही यह भूमि आज सभी के लिए नमन करने योग्य बन गई है। उन्होंने कहा कि धन सिंह कोतवाल और उनके साथियों ने 1857 की क्रांति के माध्यम से देश को नई राह दिखाई थी। जिस पर चलते हुए अनेक क्रांतिकारी बलिदानी शहीद हुए । उसी के परिणाम स्वरूप एक देश को आजादी मिली। उन्होंने कहा कि धन सिंह कोतवाल जी की संघर्ष गाथा को जीवंत बनाए रखने के लिए सरकार से वह जो भी संभव हो सकेगा, कराने का प्रयास करेंगे मैं मेरठ एक्सप्रेसवे के प्रतापपुर इंटरचेंज पर बनने वाले चौराहे का नाम क्रांति नायक धन सिंह कोतवाल चौक रखने की मांग का समर्थन करता हूं और सरकार से आग्रह करूंगा कि इस चौराहे का नाम क्रांति नायक धन सिंह कोतवाल चौक रखकर वहां एक बड़ा क्रांति धार बनाया जाए उस क्रांति द्वार पर उस समय के सभी क्रांति नायकों के नाम अंकित कराए जाएं।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि जिला पंचायत अध्यक्ष गौरव चौधरी गौरव चौधरी ने अपने उद्बोधन में कहा कि मैं सौभाग्यशाली हूं कि मैंने श्री धन सिंह कोतवाल जी के गांव के पास ही जन्म लिया है आज हम धन सिंह कोतवाल जैसे वीर बलिदानी के कारण ही खुली हवा में सांस ले रहे हैं जहां भी धन सिंह कोतवाल से संबंधित कोई कार्य कराने के लिए मुझसे समाज आदेश करेगा मैं उस कार्य करने को अपना सौभाग्य मानूंगा। कार्यक्रम के मुख्य वक्ता नकुड़ के विधायक मुकेश चौधरी ने इस अवसर पर कहा कि क्रांतिकारी धन सिंह कोतवाल की वह अपनी विधानसभा में एक विशाल प्रतिमा स्थापित कराएंगे। जिससे कि आने वाली पीढ़ियों को नई प्रेरणा मिलती रहे। उन्होंने कहा कि धनसिंह कोतवाल ने अपने समय में साहसिक निर्णय लेकर अंग्रेजों को देश से भगाने का संकल्प लिया और इसके लिए अपना बलिदान करने में भी उन्हें तनिक संकोच नहीं हुआ। धन सिंह कोतवाल जी के नाम पर गाजियाबाद मेरठ एक्सप्रेस वे का नाम रखने के संदर्भ में उन्होंने कहा कि इसके लिए वह जनता के साथ हैं। भारत को समझो अभियान समिति के राष्ट्रीय प्रणेता डॉ राकेश कुमार आर्य ने इस अवसर पर कहा कि धन सिंह कोतवाल रामप्यारी गुजरी, जोगराज सिंह गुर्जर और हरवीर सिंह गुलिया जैसे क्रांतिकारियों के रास्ते पर चलते हुए अपने समय में बहुत ही बलिदानी भावना से ओतप्रोत थे। सरकार को चाहिए कि मेरठ गाजियाबाद एक्सप्रेस वे का नाम धन सिंह कोतवाल राजमार्ग रखा जाए। श्री दिवाकर बिधूड़ी ने इस अवसर पर कहा कि हमें धन सिंह कोतवाल और उनके साथियों के क्रांतिकारी जीवन पर घमंड है ।आज समय आ गया है जब हम उनके जीवन पर की गई शोध को राष्ट्रीय इतिहास में स्थान दिलाएं। इस अवसर पर डॉ मामराज सिंह, नरेंद्र गुर्जर, हरिओम बैंसला, प्रोफेसर नवीन चंद्र गुप्ता , डॉ यतेंद्र कटारिया, श्रीमती सिम्मी भाटी प्रवक्ता डॉ पूनम चौधरी नरेश पाल सिंह श्री देवेश चंद्र शर्मा, डॉ पूनम ने भी अपने विचार व्यक्त किए। सभी वक्ताओं ने जहां धन सिंह कोतवाल के राष्ट्रवादी व्यक्तित्व और कृतित्व का जमकर गुणगान किया वहीं सरकार से यह मांग भी की कि आने वाली पीढ़ी को धन सिंह कोतवाल के बारे में विशेष जानकारी देने के लिए पाठ्यक्रम में उन्हें सम्मिलित किया जाए। धनसिंह कोतवाल के वंशज एवं शोध संस्थान के चेयरमैन तस्वीर सिंह चपराना ने भविष्य के कार्यक्रमों की रूपरेखा एवं कार्यक्रम का सफल संचालन किया। कार्यक्रम में मुख्य रूप से चेयरमैन जबर सिंह जी, पूर्व जीएम बृजपाल सिंह चौहान जी, पूर्व एसपी रमेश जी, पूर्व डीएसपी बले सिंह जी,पूर्व डीएसपी राजेंद्र जी, रोबिन गुर्जर जी, नरेश गुर्जर जी , देवेंद्र गुर्जर जी, प्रधानाचार्य नरेश जी, प्रधानाचार्य नवल सिंह जी ,मैडम सिम्मी भाटी जी, डॉक्टर पूनम जी, डॉ नवीन चंद्र गुप्ता जी, डॉ विवेक गुप्ता जी, डॉ विपिन त्यागी जी ,प्रधानाचार्य नवल सिंह जी डॉ अशोक कुमार जी, गुलवीर पार्षद जी ,सतीश मावी जी, सिम्मी भाटी जी ,मंजू ठाकुर जी, अंशिका ,गौतम प्रजापति जी, सुंदर सिंह पठानपुरा जी, प्रधान धर्मेंद्र, प्रधानतिलक राज सिंह, लव कुश शास्त्री आदि ने बड़ी संख्या में प्रतिभाग किया।