तकनीक से लाखों लोगों को लाभान्वित करने पर युवा अमन कुमार को ऑस्ट्रेलिया की यूनिवर्सिटी ने दी डॉक्टरेट की उपाधि।

0

 तकनीक से लाखों लोगों को लाभान्वित करने पर युवा अमन कुमार को ऑस्ट्रेलिया की यूनिवर्सिटी ने दी डॉक्टरेट की उपाधि।


-- युवा शक्ति के आदर्श प्रतीक बने बागपत के अमन कुमार, सामाजिक बदलाव को लेकर कृतसंकल्पित है जिसके लिए उनको अबाइड यूनिवर्सिटी ने अंतरराष्ट्रीय मान्यता देकर डॉक्टरेट की मानद उपाधि प्रदान की।



बागपत। युवा सशक्तिकरण एवं सामाजिक विकास के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य कर अपनी विशिष्ट पहचान बनाने वाले ट्यौढी के 20 वर्षीय युवा अमन कुमार को ऑस्ट्रेलिया की अबाइड यूनिवर्सिटी ने उनकी विशिष्टता के आधार पर डॉक्टरेट ऑफ फिलोसॉफी की मानद उपाधि दी है। अमन द्वारा सूचना संचार प्रोद्यौगिकी से सामाजिक बदलाव लाने के प्रयासों के चलते उनको यह उपाधि दी गई। अमन को पूर्व में शिक्षा रत्न, यंग ट्रांसफार्मर, एजुकेटर ऑफ द ईयर, रिस्पॉन्सिबल सिटीजन सहित विभिन्न उपाधियों से अलंकृत किया जा चुका है। अब डॉक्टरेट की मानद उपाधि मिलने से स्वजनों में खुशी का माहौल है।


उल्लेखनीय है कि भारत में सुविधाओं का अभाव है और अक्सर ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों को पिछड़े वर्ग की संज्ञा दी जाती है। इन सबके बावजूद बागपत के छोटे से गांव ट्यौढी के युवा ने सामाजिक कार्य विषय से स्नातक की पढ़ाई करते हुए अपनी प्रतिभा के बल पर मानद डॉक्टरेट की उपाधि प्राप्त की। अमन ने सामाजिक बदलाव के लिए सोशल मीडिया और सूचना संचार प्रौद्योगिकी की शक्ति का प्रयोग किया जो अगली पीढ़ियों के लिए भी प्रेरणादायक है।


गौरतलब है कि अमन ने नेहरू युवा केन्द्र बागपत से संबद्ध उड़ान युवा मंडल ट्यौढी की अध्यक्षता करते हुए सूचना संचार प्रोद्यौगिकी आधारित प्रोजेक्ट कॉन्टेस्ट 360 संचालित कर मात्र 18 महीनों की अवधि में 7 मिलियन लोगों को शैक्षिक अवसरों की जानकारी देकर कीर्तिमान बनाया। साथ ही उनके द्वारा विकसित क्यूआर एप से लाखों लोगों को कांवड़ यात्रा, नगर निकाय निर्वाचन आदि अवसरों पर सुविधा मिली। 


अमन ने अपनी सफलता का श्रेय जिलाधिकारी राज कमल यादव, जिला युवा अधिकारी अरुण तिवारी और अंतर्राष्ट्रीय वैज्ञानिक डॉ रामकरण शर्मा को दिया जिनके सतत मार्गदर्शन में वह विभिन्न कार्य कर रहे है। अमन ने कहा कि यह उनके लिए गौरव का क्षण है जब विभिन्न संस्थानों द्वारा उनके कार्यों को सराहा जा रहा है। साथ ही उन्होंने अपनी डॉक्टरेट की उपाधि को उन लोगों को समर्पित किया जिनके मार्गदर्शन और प्रोत्साहन से वह सामाजिक बदलाव के प्रयासों में सफलता प्राप्त कर रहे है।

Post a Comment

0Comments
Post a Comment (0)
To Top