बागपत। कहते है कि सीखने की कोई उम्र नहीं होती और हमें निरंतर अपने ज्ञान वृद्धि हेतु कार्य करना चाहिए। बुधवार को इसी कथन की एक मिसाल बने है राजबीर सिंह तोमर जोकि इंटरमीडिएट कॉलेज सरूरपुर खेड़की बागपत में वर्तमान में प्रधानाचार्य के तौर पर अपने सेवा दे रहे है। उन्होंने रांची के साई नाथ विश्वविद्यालय में 2013 में पंजीकरण कराया था जबकि मौखिक परीक्षा पिछले वर्ष नवंबर में दी। उन्होंने "बौद्ध ग्रंथों में नारी की धार्मिक और राजनीतिक स्थिति" पर अपनी थीसिस लिखी जिसके उपरांत उनको पीएचडी की उपाधि निर्गत की गई।