एम एम डिग्री कॉलिज में मनाई स्वामी डालचन्द की जयंती।

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महामना मालवीय महाविद्यालय खेकड़ा बागपत के स्थापनाकर्ता पण्डित डालचन्द्र शर्मा की जयंती महाविद्यालय में हर्षोउल्लास के साथ मनाई गयी। 




बागपत।


इस अवसर पर पण्डित जी के कार्यों पर प्रकाश डालते हुए महाविद्यालय के प्राचार्य प्रो सुनील तोमर जी ने बताया कि पण्डित जी का जन्म 14 जून वर्ष 1910 में कडेंरा गांव में पण्डित घसीटा राम के घर हुआ था। उन्होंने जाट कॉलिज बड़ौत व बिरला विधा निकेतन पिलानी से अपनी इण्टरमीडिएट तक की शिक्षा प्राप्त की। इसके बाद स्वामी जी उच्च शिक्षा के लिए बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय चले गये। जहां उन्होंने दर्शन शास्त्र में स्नातक की उपाधि ग्रहण की। स्वामी जी महान संत थे, जिन्होंने खेकड़ा कस्बे को अपनी कर्म भूमि बनाया। उनका उद्देश्य पश्चिमी उत्तर प्रदेश में 101 शिक्षण सस्थाएँ स्थापित्त करने का था। परन्तु काल की गति को कोई नहीं समझ सकता। इसी के चलते 65 वर्ष की आयु में अगस्त रात्रि में शिक्षा के इसे महान संत का सन्यासी व सादगी भर जीवन पंच तत्व में विलीन हो गया। स्वामी जी ने अपने अल्प कालिक समय में एम एम इण्टर कॉलिज  खेकड़ा, यमुना इण्टर कॉलिज बागपत, सर्वहितकारी इण्टर कॉलिज मीतली, श्रीसत्य हरिशचन्द्र इण्टर कॉलिज चमरावल, सुभाष हायर सैकेडरी कडेंरा इत्यादि अनेक शिक्षण संस्थानो कि स्थापना की, जो आज शिक्षा के क्षेत्र में अपने प्रकाश से समाज के अनेक नव युवकों एवं युवतियों को प्रकाशवान कर रही हैं और भविष्य में करती रहेगी। उनके द्वारा स्थापित एक मात्र डिग्री कॉलिज महामना मालवीय डिग्री खेकड़ा हैं। जिसकी स्थापना वर्ष 1961 में की थी, यह कॉलिज शिक्षा के क्षेत्र में उच्च भूमिका निभा रहा हैं और इससे निकलने वाले छात्र देश- विदेश में खेकड़ा क्षेत्र का परचम लहरा रहा हैं। इसके अलावा गायन, अभिनय, राजनीति व व्यापार के क्षेत्र में भी अपने क्षेत्र को सुशोभित कर रहे हैं। इस अवसर पर महाविद्यालय कार्यकारणी के अध्यक्ष श्री ब्रिजेश शर्मा, सचिव नरेन्द्र शर्मा जी प्राचार्य प्रो सुनील तोमर व कार्यकारणी के सदस्य व महाविद्यालय स्टॉफ उपस्थित रहा।

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