महात्मा गांधी की153 वी जयंती पर श्रद्धासुमन अर्पित किए गए

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बागपत। जनता वैदिक कॉलेज बडौत आई क्यू ए सी के तत्वावधान में राष्ट्रीय सेवा योजना एवं सांस्कृतिक समिति के संयुक्त तत्वावधान में करिश्माई व्यक्तित्व के धनी महात्मा गांधी की जयंती पर विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किये गये ।

सर्वप्रथम कॉलेज प्राचार्य डॉक्टर जय कुमार सरोहा ने राष्ट्रपिता गांधी जी एवं पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर श्रद्धासुमन अर्पित कर उनके प्रिय भजन वैष्णव जन तो तेने कहिए जे पीर पराई जाने रे से भावांजलि अर्पित की ।उन्होंने कहा कि भारत ही नहीं सम्पूर्ण विश्व में शांति स्थापित करने और विवादों का समाधान करने के लिए गांधीजी के विचार आज भी प्रासंगिक है ।राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के जीवन की मौलिकता जुड़ी घटनाएँ उनके जीवन दर्शन को परिभाषित करती है ।







उन्होंने किसी से भी किसी आंदोलन में भाग लेने के लिए नहीं किया अपितु स्वयं करके दिखाते थे तभी तो कहा जाता है कि चल पड़े जिधर दो डग -मग में चल पड़े कोटि पग उसी ओर ।वास्तव में ,हम सब को अपने अंदर की कमियों को स्वीकार कर,उसका परिमार्जन करने की आवश्यकता पर बल देते हुए राजनीति शास्त्र के विभागाध्यक्ष एवं पूर्व प्राचार्य डा नरेंद्र सिंह ने कहा कि गांधी जी के विचारों को ग्रहित करने की अत्यंत आवश्यकता बताई ।

डॉक्टर मदनपाल सिंह ने सत्याग्रह ,दांडी मार्च ,नमक क़ानून आदि आन्दोलनों की चर्चा करते हुए कहा कि भारत के नवनिर्माण में गांधीजी की योगदान अप्रतिम है ।डा गीता रानी ने कहा कि रामत्व की परिकल्पना को साकार कर अहिंसा के पोषक एवं शास्त्री जी सादगी का प्रतीक है ।युवा पीढ़ी को गांधी जी के विचारों को पूरा करने के लिए प्रेरित किया ।डॉक्टर मुकेश ने कहा कि उनकी कथनी और करनी में कोई अंतर नहीं था ।उन्होंने कभी किसी से अपना अनुकरण करने के लिए नहीं कहा।डा सौरभ कुमार ने कहा कि गांधी जी के विचार भारत ही नहीं अपितु विदेशों में भी ग्राह्य है।गांधी जी के विचार भारतीय संस्कृति के पोषक , शाश्वत ,अक्षुण्य है।

डा तारकेश्वर नाथ तिवारी ने कहा कि अहिंसा के पुजारी ने मानवता वाद और लोक कल्याण की भावना को अनूठा बताया रखते हैं ।कार्यक्रम का संचालन करते हुए डा अनुपम तिवारी ने कहा कि गांधी जी एक व्यक्ति नही अपितु विराट सामाजिक ,सांस्कृतिक, धार्मिक ,राजनैतिक विचारधारा है ।आज के भौतिकवादी दौर में जीवन मूल्यों और आदर्शों का निरंतर हो रहा है ।ऐसे संक्रमण काल में गांधीजी के विचारों और आदर्शों की प्रासंगिकता बनी हुई है ।इस अवसर पर कॉलेज प्रांगण में स्वयं सेविकाओं द्वारा श्रमदान किया गया ।

कार्यक्रम को सफल बनाने में डॉक्टर पूनम मलिक ,डा तेजवीर सिंह, डा विजय पटेल,डाक्टर सतेन्द सिंह,डॉक्टर राजेश गुप्ता,डा मधुर यादव,डा प्रशान्त मिश्रा ,डा महेंद्र राठी,डा महेश,श्री गुलबीर सिंह श्री लोकेंद्र मलिक,श्री रवित कुमार श्री संजीव कुमार,श्री श्रीपाल ,श्री सुधीर, अविनाश,,श्री दिनेश,श्री राकेश आदि का विशेष योगदान रहा ।कार्यक्रम में डिम्पल कश्यप,आकांक्षा पंवार,काजल,वर्षा,प्रिया,ईशा कन्हैया,दानिश आदि ने प्रतिभाग किया ।

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