गन्ने का खेत करेंगे छोटा, 25 एकड़ में उगाएंगे औषधीय पौधा।

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बागपत। गन्ने की खेती से किसानों का मोहभंग होने लगा है और इसलिए ही किसानों ने औषधीय खेती करने में रुचि दिखाई है। 25 किसानों ने अपनी एक-एक एकड़ जमीन पर औषधीय खेती करने के लिए नाबार्ड में आवेदन किया है। जिन्हें औषधीय खेती करने के लिए तुलसी, भृगराज, मोरिंगा, अश्वगंधा की पौध निशुल्क उपलब्ध कराई जाएगी।

जिले में अधिकांश किसान गन्ना खेती करते है जो बागपत जनपद की तीनों शुगर मिलों के साथ दूसरे जनपदों की शुगर मिलों में गन्ना पहुंचाते हैं। गन्ने की खेती में लागत ज्यादा आने से फायदा कम हो रहा है और उसमें गन्ना राशि भुगतान के लिए कई साल तक परेशान होना पड़ता है।


ब्रांडेड कंपनी खरीदेंगे फसल

आयुर्वेद रिसर्च फाउंडेशन के अधिकारी कृष्ण गोपाल ने बताया कि औषधीय खेती में उगाई गई फसल ब्रांडेड कंपनी को बेचा जाएगा। जिसमें अच्छे दाम मिलने से किसानों की आमदनी बढ़ेगी और पानी की खपत कम होगी।

इसलिए ही किसानों ने खेती बदलने का फैसला लिया है। नाबार्ड के जिला विकास प्रबंधक शोमीर पुरी ने बताया कि किसानों को गन्ने के बजाय दूसरी फसल उगाने के लिए प्रशिक्षित किया जा रहा है। फलों की खेती के अलावा औषधीय खेती की तरफ किसानों का रुझान लगातार बढ़ रहा है। जिसमें नाबार्ड और आयुर्वेद रिसर्च फाउंडेशन की तरफ से आमदनी बढ़ाने के लिए औषधीय खेती करने का प्रशिक्षण देने के साथ निशुल्क पौध भी उपलब्ध कराई जाएगी। औषधीय खेती के लिए 25 एकड़ जगह चिह्नित कर ली गई है। औषधीय खेती में पानी की खपत कम होने से जल संरक्षण को भी बढ़ावा मिलेगा।

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